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Wednesday 31 August 2011

अक्सर तन्हाई में उसको याद करता हूँ

एक गुनाह मैं बार-बार करता हूँ
अक्सर तन्हाई में उसको याद करता हूँ 
 
उसकी खातिर लड़ा बहुत हालात से
जो खेल गयी मुझसे और मेरे जज्बात से
जिसने दिए मुझे दर्द -ओ- गम तमाम 
उसी बेवफा को आज मैं माफ़ करता हूँ   
 
एक गुनाह मैं बार-बार करता हूँ
अक्सर तन्हाई में उसको याद करता हूँ 
 
सुना है , अब वो भी याद करने लगी है
इस दीवाने पर जाँ निसार करने लगी है
शायद मुह्हबत मेरी रंग लाएगी एक दिन
उसी दिन का मैं इंतज़ार करता हूँ ........
 
एक गुनाह मैं बार-बार करता हूँ
अक्सर तन्हाई में उसको याद करता हूँ 
 
जिस पल वो पास मेरे आएगी
मेरी दुनिया और हसीं हो जाएगी
कहेगी वो भी, की प्यार है मुझे तुमसे
जिसको मैं जाँ से ज्यादा प्यार करता हूँ
 
एक गुनाह मैं बार-बार करता हूँ
अक्सर तन्हाई में उसको याद करता हूँ 

Tuesday 30 August 2011

सोचता हूँ आज कह दूं .......................

सोचता हूँ आज कह दूं 
दिल की बात जुबां पे ला दूं 
उनकी मुस्कान आज कुछ अलग है 
उनका मिजाज भी शायद आज बदला है 
सोचता हूँ आज तो कह दूं 
दिल की बात जुबां पे ला दूं 
यूँ ही सोचते सोचते कहीं वो चले ना जाये 
कल का क्या पता वो आये या ना आये 
सोचता हूँ आज कह दूं 
दिल की बात जुबां पे ला दूं 
मगर यूँ ही सोचते सोचते शाम हो चली 
और शाम होते ही वो भी घर को चली 
दिल के जज्बात दिल में रह गए 
कहना था कुछ और उनसे 
और हम कुछ और कह गए 
सोचता तो आज भी हूँ 
की मैंने इतना क्यों सोचा 
की सोचने सोचने में शाम हो गयी 
और बिना कुछ कहे ही 
मेरे इश्क की चर्चा सरे आम हो गयी 
अब मैं इस घटना को क्या नाम दूं 
सोचता हूँ आज भी कह दूं 
दिल की बात जुबां पे ला दूं 

Monday 29 August 2011

वो रास्ते आज फिर सुनसान से है, ये आँखें नम पिछली शाम से है

वो रास्ते आज फिर सुनसान से है 
ये आँखें नम पिछली शाम से है  
 
वो गए थे मुझे जब भी तनहा छोड़कर
मेरे विश्वास को, मेरे वादों को तोड़कर
जिनका जिक्र भी छुपाते थे सबसे
वो ही आज सरेआम से है
 
वो रास्ते आज फिर सुनसान से है 
ये आँखें नम पिछली शाम से है  
 
मुझे याद है आज भी वो दिन
जिया था मैं जिसपल उसके बिन
यूं तो मना किया था उन्होंने पीने से
मगर आज हाथों में फिर जाम से है
 
वो रास्ते आज फिर सुनसान से है 
ये आँखें नम पिछली शाम से है  
 
और आज जब रुकने लगी साँस
मन कहने लगा होकर उदास
लो करदो मेरा क़त्ल ए आम
मुझे अब लगाव नहीं इस जान से है
 
वो रास्ते आज फिर सुनसान से है 
ये आँखें नम पिछली शाम से है  
 
 

Saturday 27 August 2011

तेरे आने की इक बंधी हुई है आश, तेरे बिन मैं हूँ जाना ,बस इक जिंदा लाश

तेरे आने की इक बंधी हुई है आश 
तेरे बिन मैं हूँ जाना ,बस इक जिंदा लाश 
कब से राह तेरी  देख रहा हूँ ...
यादों में तुझे सोच रहा हूँ 
तेरे इक दीदार की खातिर रुकी हुई है साँस 

तेरे आने की इक बंधी हुई है आश 
तेरे बिन मैं हूँ जाना ,बस इक जिंदा लाश 

यूं तो मिले बहुत मुझे इस जिंदगी ए डगर में 
क्यों बस तुम ही बसे इस जिगर में 
तुम्हे भी नहीं होगा मालूम 
तुम हो कितने खाश 

तेरे आने की इक बंधी हुई है आश 
तेरे बिन मैं हूँ जाना ,बस इक जिंदा लाश 

मैंने शोहरत बहुत कमाया 
पर बात समझ बाद में आया 
आज हूँ मैं अपनी जिंदगी का शेन्शाह
पर कुछ भी नहीं है मेरे पास

तेरे आने की इक बंधी हुई है आश 
तेरे बिन मैं हूँ जाना ,बस इक जिंदा लाश 

Sunday 21 August 2011

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो


आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

आज आप जा रहे हो हमसे मुह मोडकर 
कल हम भी चले जायेंगे तुमको तडपता छोडकर 
और फिर आप हमको बुलाओगे 
मगर हम नहीं आयेंगे 
क्योंकि तुमसे बिछड़ कर हम 
इस दुनिया में नहीं उस दुनिया में चले जयेंगे 

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

तुम सोचना यू ही मुझको खवाबो में 
और गर करना हो महसूस मुझे 
तो जाना गुलाबो की खुसबो में 
मैं मिलूँगा तुमको गुलाबो में 
जिंदा रहकर भी हम तुम 
पल पल मरते रह जाएँगे 

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

Friday 19 August 2011

खवाबो में देखा है जिनके लिए सेहरा आज हकीकत में देखा उनका चेहरा


खवाबो में देखा है जिनके लिए सेहरा 
आज हकीकत में देखा उनका चेहरा 

चेहरे पर मासूमियत इतनी मगरूर थी 
चेहरे पर मासूमियत इतनी मगरूर थी
और क्या बताये आपको ,,,,
जब लड़ी उनसे हमारी नजर 
कसम से आँखें उनकी शर्म से चूर चूर थी 
दीदार करने को उनका हर तरफ था कड़ा पहरा 

खवाबो में देखा है जिनके लिए सेहरा 
आज हकीकत में देखा उनका चेहरा 

सुना था आज वो चले जायेंगे 
हमको यूं ही अकेला तनहा कर जायेंगे 
आकर उन्होंने कहा की चलते है 
देखकर उनको हमने सुना की मिलते है 
यूँ तो काफी लोग थे उनके दीदार की खातिर 
और आखिरी दीदार के लिए मैं भी ठहरा 

खवाबो में देखा है जिनके लिए सेहरा 
आज हकीकत में देखा उनका चेहरा 

ऐसे हालात अब आने लगे है मेरे अपने मुझे रुलाने लगे है

ऐसे हालात अब आने लगे है 
मेरे अपने मुझे रुलाने लगे है 

कोई हँसता है ,तो कोई रोता है 
मुझे जिंदगी के इस मोड़ पर देखकर 
उन्हें नहीं पता शायद ,मुझे यहाँ आने में 
कितनी सदीयाँ कितने ज़माने लगे है 

ऐसे हालात अब आने लगे है 
मेरे अपने मुझे रुलाने लगे है 

कोई हँसता है मेरे ही सामने मुझ पर 
कहता है कोई, धिक्कार है तुझ पर 
वो जो मुझ पर कभी जाँ निसार करते थे 
आज वो ही मुझको सताने लगे है 

ऐसे हालात अब आने लगे है 
मेरे अपने मुझे रुलाने लगे है 

यहाँ पैसे को बढ़ता देखकर 
यहाँ प्यार को मरता देखकर 
पंछी भी यहाँ आने से 
अब कतराने लगे है 

ऐसे हालात अब आने लगे है 
मेरे अपने मुझे रुलाने लगे है