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Wednesday 31 October 2012

मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे

आज फिर हम उनके ख्यालो में खो गये !
 
हमको खबर ना रही, की उनकी बाहों में सो गये !!
 
मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे !
 
जिनमे हम उनके,और वो हमारे हो गये !!  
 
              पी के ''तनहा''

Monday 29 October 2012

बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की..

सोचता हूँ आज लिख ही दूं !
वो सब, जो नही कह पाया !!
तुमसे ...
मगर कहना चाहता हूँ !
मैं तुझमे रहना चाहता हूँ !!
मैं तुझसे दूर रहकर ....
सोच के सागर की गहराइयों में बहकर ...
तन्हाई भरी आहों में....
कुछ ख्वाबो की बाहों में...
तुझको और सिर्फ तुझको..
निरंतर लिखता गया ...
मगर आज भी ये आलम है ...
की ये आँखें प्यासी है तेरे दीदार की...
चाहत है एक झलक दिख जाये मेरे यार की...
मुझे , मेरी ख्वाहिश की परवाह नही...
बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की......
 
पी के ''तनहा''  

आज कुछ सुनाने को जी चाहता है ......

आज कुछ सुनाने को जी चाहता है !
तुम्हे अपना बनाने को जी चाहता है !!
 
तेरी यादों में लिखे, जो गीत ''ओ'' ग़ज़ल !
आज उन्हें गुनगुनाने को जी चाहता है !!
 
मैं, मेरी तन्हाई से , ''तनहा'' सा हो गया !  
मुझे करना था कुछ, मुझसे  क्या हो गया !!
 
एक अरसे से थी , बेरंग मेरी दुनिया !
आज महफ़िल सजाने को जी चाहता है !!
 
तेरी यादों में लिखे, जो गीत ''ओ'' ग़ज़ल !
आज उन्हें गुनगुनाने को जी चाहता है !!
 
                                    
                                     पी के ''तनहा''
 
 
 
  

Thursday 18 October 2012

ये आँखें भी कितनी अजीब है ....

ये आँखें भी कितनी अजीब है !
हमारे दिलो के कितने करीब है !!


अनदेखे, अंजानो से प्यार करती है !
ख़ामोशी की भाषा में, इज़हार करती है !!
इन्ही से, दिलो में हलचल होती है !
एक ख़ुशी सी हरपल होती है !!
और कितनी अजीब है ये .......
की खुद ही प्यार की अलख जगाती है !
और खुद ही बैठ के रोती है !!

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