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Monday, 3 June 2013

फिर सोचकर तुझको, तुझ ही में डूब जाता हूँ ....

तेरी यादों में, मैं जब खुलकर मुस्कुराता हूँ !

तुझसे बिछड़ कर जो लिखा,वो गीत गाता हूँ !!

यूँ सोचकर तुझको, मैंने जब भी देखा है !

फिर सोचकर तुझको, तुझ ही में डूब जाता हूँ !!

 

पी के ''तनहा''

 



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पी के ''तनहा''