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Sunday, 5 June 2016

तुम कहते हो जिसे पागल.....

तूने बाहर से ही मुझे जाना है !
अभी अंदर से कहां पहचाना है !!

तुम कहते हो जिसे पागल !
वो पागल तुम्हारा दीवाना है !!

मेरी खुशियां तुझसे शुरू होती है !
तेरे संग, अपना घर बसाना है !!

तेरे दीद से आती है लबो पे हंसी मेरे !
संग में तेरे अब तो मुस्कुराना है !!

दुनिया कुछ भी कहे, परवाह नहीं !
ये रिवाज़ तो दुनिया का पुराना है !!

उलझने तो आती रहती है जीवन में !
पर, हमे तो सहाब दूर तक जाना है !!

ये रिश्ते, सिर्फ विश्वास मांगते है !
इसको ज़िंदगी भर हमे निभाना है !!






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पी के ''तनहा''