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Tuesday, 22 April 2014

मैं बहते पानी की तरह हो गया हूँ , साहेब ......

मोम की माफिक हूँ, पल भर में पिघल जाऊंगा !
जरा भी आग लगी दिल में, तो जल जाऊंगा !!
मैं बहते पानी की तरह हो गया हूँ , साहेब !
जिस भी आकार में ढ़ालोगे मुझको, ढल जाऊंगा !!

पी के ''तनहा''

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पी के ''तनहा''