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Tuesday 13 September 2016

हाँ ..... आदत सी हो गयी है आजकल

आदत सी हो गयी है
आजकल
हँसते हँसते रोने की
बिन ख्वाबो के सोने की
हाँ  .....
आदत सी हो गयी है
आजकल
गम को छुपाने की
खुद पे हंसने की
सबको हंसाने की
यूँ ही खुद से बतियाते
खुद से रूठ जाने की
हाँ  .....
आदत सी हो गयी है
आजकल
घुट घुट के जीने की
गम के आंसू पीने की
वक़्त के लड़कर
ज़ख्मो को सीने की
हाँ  .....
आदत सी हो गयी है
आजकल



पी के तनहा 

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पी के ''तनहा''