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Wednesday, 30 November 2011

एक बात तुम्हे बतलाना था , बस थोडा प्यार जताना था ..

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था

एक रोज़ जो देखा था तुमको 
बस तुमसे प्यार हुआ हमको 
ये जां भी कर दी नाम तेरे 
तुझको भी प्यार निभाना था 

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था 

जब प्यार की वो अरदास हुई 
उस रोज़ जो वो बरसात हुई 
तुम झूम उठी उस बरखा में 
तुम्हे हमको भी बुलाना था 

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था 

फिर तुमको हमसे प्यार हुआ 
जब दोनों का इकरार हुआ 
जब दोनों की फिर आँख मिली 
पर तुमको तो शर्माना था 

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था 

फिर क्या अचानक ऐसा हुआ 
मैं सोच रहा , ये कैसे हुआ 
क्यों उन्होंने , हमसे मुह मोड़ा 
क्यों किया वो हमसे बहाना था 

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था 

फिर तुम कुछ कुछ मजबूर हुए 
तुम धीरे धीरे दूर हुए.........
क्या हुई थी , हमसे खता 
तुम्हे हमको , समझाना था 

एक बात तुम्हे बतलाना था ,
बस थोडा प्यार जताना था 
 

Monday, 28 November 2011

जिंदगी को महसूस कर रहा था मैं......

जिंदगी को महसूस कर रहा था मैं
जिस पल तू मेरे पास थी ....
यू तो तूफा आते गये जिंदगी में मेरी 
पर फिर भी जीने की एक आस थी  !

बीच मझधार में छोड़ा था मेरी कश्ती को 
तुमसे नहीं थी उम्मीद , ,,,,,,,
उजड़ा ही छोड़ गये मेरी बस्ती को 
मौत नहीं आई थी तब तक ,
बाकि अभी कुछ साँस थी ....

जिंदगी को महसूस कर रहा था मैं
जिस पल तू मेरे पास थी ....
यू तो तूफा आते गये जिंदगी में मेरी 
पर फिर भी जीने की एक आस थी  !

जिंदगी मेरी वीरान हो गयी 
मुझको जिंदा देख तू हैरान हो गयी 
मैं तुझसे वफा निभाता गया उम्र भर 
और तू बेवफा सरेआम हो गयी 
देखि थी उस रोज़ जो तुने वो लाशे 
वो मेरी नहीं मेरे साये की लाश थी 

जिंदगी को महसूस कर रहा था मैं
जिस पल तू मेरे पास थी ....
यू तो तूफा आते गये जिंदगी में मेरी 
पर फिर भी जीने की एक आस थी  !

Saturday, 26 November 2011

तेरे साथ दो पल जिंदगी, बिताने का अरमान था .......


तेरे साथ दो पल जिंदगी 
बिताने का अरमान था ,,

मैंने तुझको समझा था अपना 
देखा था तेरे साथ एक सपना 
वो सपना मेरा टूट गया 
साथ भी तेरा छुट गया 

जिंदगी भर मैं तुझ पर करता रहा ऐतबार 
लुटाता रहा तुझ पर बस प्यार ही प्यार 
बदनाम हुआ मैं इस तेरे शहर में 
एक तुने मुझे ना समझा यार  

एक बार जो तुने समझा होता 
जो हुआ आज , वो ना होता 
कोई लाश पे मेरी ना रोता 
और इतनी कम उम्र में ये हादसा 
मेरे साथ  ना हुआ होता 

अब हुआ जो, मेरे यार हुआ 
नीलाम जो मेरा प्यार हुआ 
कसम है तुझको , मत रोना 
इन आँखों को अश्को से ना धोना 

अब बताना चाहूँगा ,जो हुआ मेरा सम्मान था 
तेरे शहर में जो हुआ मेरा अपमान था ,
दो पल साथ गर तेरा मिल जाता 
यही मेरे जीने का फरमान था 

तेरे साथ दो पल जिंदगी 
बिताने का अरमान था 

तेरे साथ दो पल जिंदगी, बिताने का अरमान था .......


तेरे साथ दो पल जिंदगी 
बिताने का अरमान था ,,

मैंने तुझको समझा था अपना 
देखा था तेरे साथ एक सपना 
वो सपना मेरा टूट गया 
साथ भी तेरा छुट गया 

जिंदगी भर मैं तुझ पर करता रहा ऐतबार 
लुटाता रहा तुझ पर बस प्यार ही प्यार 
बदनाम हुआ मैं इस तेरे शहर में 
एक तुने मुझे ना समझा यार  

एक बार जो तुने समझा होता 
जो हुआ आज , वो ना होता 
कोई लाश पे मेरी ना रोता 
और इतनी कम उम्र में ये हादसा 
मेरे साथ  ना हुआ होता 

अब हुआ जो, मेरे यार हुआ 
नीलाम जो मेरा प्यार हुआ 
कसम है तुझको , मत रोना 
इन आँखों को अश्को से ना धोना 

अब बताना चाहूँगा ,जो हुआ मेरा सम्मान था 
तेरे शहर में जो हुआ मेरा अपमान था ,
दो पल साथ गर तेरा मिल जाता 
यही मेरे जीने का फरमान था 

तेरे साथ दो पल जिंदगी 
बिताने का अरमान था 

Thursday, 24 November 2011

एक बार बता जा मेरे सनम, मैं इन अश्को को नाम क्या दूं ..

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

भरी महफ़िल में बदनाम हुआ 
अब इन हाथों में जाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

मेरी जिंदगी की सुबह ही नहीं 
फिर तुझको हंसी शाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

जिया हूँ अब तक तेरी खातिर 
अब जाते जाते सलाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

पल पल रोती मेरी आँखें .....
अब इस चेहरे पे मुस्कान क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

Tuesday, 22 November 2011

प्यार ना करना इस दुनिया में , प्यार बड़ा दुखदायी है ....

प्यार ना करना इस दुनिया में ,
प्यार बड़ा दुखदायी है 
जीससे हमने प्यार किया था 
वो बड़ा हरजाई है 

प्यार ना करना इस दुनिया में ,
प्यार बड़ा दुखदायी है 

इस नईया में जो भी नहाया 
आँखों ने जब अश्क बहाया 
तब तब डूबा , हर कोई इसमें 
जिसने इस गंगा में दुबकी लगायी है 

प्यार ना करना इस दुनिया में ,
प्यार बड़ा दुखदायी है 

तुम्हारी तो तुम ही जानो 
हम तो अपनी कहते है 
प्यार नहीं करते है किसी से 
ना किसी के दिल में रहते है 

सुब कुछ लुटा दो इसके पीछे 
तब भी प्रीत परायी है 

प्यार ना करना इस दुनिया में ,
प्यार बड़ा दुखदायी है 

Monday, 21 November 2011

बहुत दिन बीत गये , दीदार नहीं हुआ तुम्हारा

बहुत दिन बीत गये , दीदार नहीं हुआ तुम्हारा 
भूलने वाले ये तो बताजा , कैसा है हाल तुम्हारा 

तुने सोचा , तेरे बिन जी पाएंगे हम 
एक पल बिछड़े , तो मर जायेंगे हम 
चले गये मुझको ठोकर लगाकर 
एक तुम ही तो थे मेरा सहारा 

बहुत दिन बीत गये , दीदार नहीं हुआ तुम्हारा
भूलने वाले ये तो बताजा , कैसा है हाल तुम्हारा 

पुरे दिन हम , तेरी खातिर उस चोराहे पर रहते थे 
कहना तो बहुत कुछ था , पर कह कुछ नहीं पाते थे 
जाने वाले लेते जाना , आखिरी है ये सलाम हमारा 

बहुत दिन बीत गये , दीदार नहीं हुआ तुम्हारा
भूलने वाले ये तो बताजा , कैसा है हाल तुम्हारा 

Saturday, 12 November 2011

आज वो हमको छोड़ गये ..........

जिसके लिए सबको छोड़ा 
आज वो हमको छोड़ गये 

हमने की वफा उम्रभर 
वो दिल हमारा तोड़ गये

माना कसूर हमारा था 
पर इतना तो बतलाना था 
बीच मझधार में मेरी 
कसती को डूबता छोड़ गये 

कितनी हसी थी जिंदगी मेरी 
तू ही तो थी जिंदगी मेरी 
क्यों मेरी जिंदगी को 
अन्जान डगर पर मोड़ गये 

जिसके लिए सबको छोड़ा 
आज वो हमको छोड़ गये 

हमने की वफा उम्रभर 
वो दिल हमारा तोड़ गये

Saturday, 5 November 2011


मरता हूँ मैं पल पल
मगर तुमको इससे क्या 
कर बैठा तुमसे प्यार 
मगर तुमको इससे क्या
तेरे प्यार मैं हम हुए बदनाम 
मगर तुमको इससे क्या
लुट गया , मैं सहर ओ शाम,   
मगर तुमको इससे क्या
दुनिया से जा रहा हूँ, तेरी खातिर
मगर तुमको इससे क्या
तेरे प्यार की है ये सजा
रहेगी उम्र भर , तेरी इल्त्जां
मालुम है मुझे तेरा इनकार
पर करता रहूँगा,फिर भी प्यार
मगर तुमको इससे क्या

Wednesday, 2 November 2011

मरती है जब इंसानियत ......


मिलता हूँ मैं जब तुमसे 
एक अजीब एहसास होता है 

कुछ कह नहीं पाता हूँ 
जब तू पास होता है 

यूं तो मिलते है हजारो रोज़ 
मगर कोई एक उनमे खास होता है 

यूं तो मरता है इंसान लाखो बार जिंदगी में 
पर मरती है जब इंसानियत 
तो वो एक जिंदा लाश होता है 

रिशते वोही रंग लाते है 
जिनमे एक विश्वास होता है 

मिलता हूँ जब मैं तुमसे 
एक अजीब एहसास होता है 

Tuesday, 1 November 2011

तुम पर कुछ लिखने की खातिर ........

तुम पर कुछ लिखने की खातिर 
जब जब मैंने कलम उठाई 

आई याद तुम्हारी मुझको 
और आँख भी मेरी भर आई 
मैंने तुमको कितना चाहा
और पल पल मैंने वफा निभाई 

तुम पर कुछ लिखने की खातिर 
जब जब मैंने कलम उठाई 

सोचा तू मुझको समझेगी 
किस्मत मेरी भी चमकेगी 
पर तुने मुझको न पहचाना 
भरी महफ़िल में की रुसवाई 

तुम पर कुछ लिखने की खातिर 
जब जब मैंने कलम उठाई 

तेरे लिए सपने भी टूटे 
तेरे लिए अपने भी छूटे 
सोचा था बजेगी एक दिन 
मेरे घर भी सहनाई

तुम पर कुछ लिखने की खातिर 
जब जब मैंने कलम उठाई 

दुनिया से मैं जाऊंगा जिसदिन 
पल पल याद आऊंगा उस दिन 
हर पल तेरे साथ रहेगी 
बस मेरी ही परछाई 

तुम पर कुछ लिखने की खातिर 
जब जब मैंने कलम उठाई