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Saturday 23 July 2016

कब क्या हुआ कुछ पता नही.....

अरे बदला नही हूँ मैं, मगर !
हाँ, बदल गयी कुछ बात !!
कुछ वक़्त भी बदला बदला है !
बदले बदले कुछ हालात !!
जीवन की आपाधापी में !
कब क्या हुआ कुछ पता नही !!
कब सुबह सुहानी ढल गई !
कब ढल गयी बैरन रात !!
आजमाया किसी ने हर कदम !
कोई भरता मेरे दम में दम !!
यूँ तो सब सुख के साथी थे !
कुछ थे जो देते दुःख में साथ !!

Sunday 17 July 2016

किस्मत विस्मत सब झूटी है, ना रखा कुछ तकदीरो में ....

भरोसा अभी नहीं रहा मुझको, इन हाथों की लकीरो में  !
किस्मत विस्मत सब झूटी है, ना रखा कुछ तकदीरो में !!

पी के तनहा 

Tuesday 5 July 2016

कोशिश बहुत की उसने, मेरा होने की ........

उसकी ख्वाहिश थी कभी मुझमे खोने की !
कोशिश बहुत की उसने, मेरा होने की !!
मुस्कुराने की वजह होता था, मै उसकी !
आज बन गया वजह मैं उसके रोने की !!

पी के ''तन्हा''