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Thursday, 23 February 2012

मेरे दर्द , तुझे अपना कहूँ या पराया.........















मेरे दर्द , तुझे अपना कहूँ या पराया !

क्यों तुने ,हर पल मेरा साथ निभाया !!

सब अपने मुझसे छुट चुके थे !

वो सपने भी सब टूट चुके थे !!

जब जब खुशियों ने की बेवफाई !

याद मुझे उस पल तेरी आयी !!

तुझसे कैसा ये रिश्ता मेरा है !

तुझे शत्रु कहूँ या , कहूँ भाई !!

मैं जब जब , निकला सपने बुनकर !

कुछ ख्वाब , अधूरे से वो चुनकर !!

तब किस्मत ने मेरी मुझे छकाया !

और ज़माने ने भी खूब सताया !!

और एक तुने , मुझे ना कभी आजमाया !

मेरे दर्द , तुझे अपना कहूँ या पराया !

क्यों तुने ,हर पल मेरा साथ निभाया !!

Saturday, 18 February 2012

जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
ये पागल दिल , कर बैठा अनजाने में प्यार !
आ भी जाओ नही होता ,मुझसे अब इंतज़ार !!
जब से छोडकर गये , हो मुझको तनहा तुम !
नहीं आया तबसे  इस दिल को ,चैन मेरे !!
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
आज कल खोया-खोया सा रहने लगा हूँ मैं  !
हर जख्म को खुशी से सहने लगा हूँ मैं !!
मेरा चेहरा अनायास ही मुस्काने लगता है !
याद आते है जब , वो तेरी बाहों  के घेरे !!
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
 
 

Friday, 17 February 2012

तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए...



 
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तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
 
यूं तो यादे तेरी , साथ रहती है हरपल !
तब आँखें भर आती है, अक्सर मेरी !!
याद जब आता है ,तेरे साथ  गुजरा वो हसीं पल ! 
सोचता हूँ , काश : ये वक़्त अभी भी थम  जाये  !!
 
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
 
जब से गये हो तुम , हो गया हूँ तन्हा तन्हा !
तेरी याद ही रहती है साथ , हर घडी -हर लम्हा !!
कितना खुश रंग था , वो मेरी जिंदगी का पल !
और आज साथ नही देते मेरा , मेरे ही साये !!
 
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !! 

Tuesday, 14 February 2012

तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ......

तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ !  
शायद तुम मिल जाओ मुझे  यहाँ  वहां !!
 
वो रास्ते , वो डगर वहीँ है आज भी !
पहली बार तुमको मैंने देखा था जहाँ !!
वो चौराहे भी , पहचान जाते है मुझको !
तेरे दीदार को रहता था , जहाँ  मैं खड़ा !!
 
तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ !  
शायद तुम मिल जाओ मुझे  यहाँ  वहां !!
 
वक़्त बदल गया है , मगर कभी देखना !
की तुम धडकती हो मेरी धडकनों में !!
गर हो सके तो , बचा  लेना मुझको !
मर जाऊंगा तुझ बिन , तू है मेरी जां !!
 
तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ !  
शायद तुम मिल जाओ मुझे  यहाँ  वहां !!
 
याद करता हूँ तुझे  जब  , कलम हाथ आ जाती है !
मुझे खबर नहीं होती , ये बस चलती जाती है !!
रूकती है तो देखता हूँ , एक ग़ज़ल बन जाती है !
आना कभी , तो शायद तेरे आने से बंध जाये  ये शमां !!
 
तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ !  
शायद तुम मिल जाओ मुझे  यहाँ  वहां !!
 
मुझे अक्सर , एहसास होता है ऐसा !
की तुम भी मुझे याद करते हो !!
गर हो सके तो मिलना इसी जन्म में !
मैं ताउम्र इंतज़ार करूँगा, मेरी प्रियतमा !!
 
तुम्हारी चाह में भटका मैं , जाने कहाँ कहाँ !  
शायद तुम मिल जाओ मुझे  यहाँ  वहां !!
 

Monday, 13 February 2012

इज़हार मैंने , इसलिए नही किया कभी...

आज जी भर के प्यार करूँगा तुमसे !
कुछ इस तरह इज़हार करूँगा तुमसे !!
 
उन सुनसान रास्तो से भी यारी कर ली थी !
जितना हो सकता था , हदे पार सारी कर ली थी !!
 
तुम शायद रूठ ना , जाओ मुझसे अभी !
इज़हार मैंने , इसलिए नही किया कभी !!
 
तुम आओगे सोचकर , तेरी राह तकते !
उस तपती दोपहरी में , खड़े होकर भी ना थकते !!
 
माना इस रिश्ते से , दोनों ही अनजान थे !
मगर आप इस भक्त के प्यारे से भगवान थे !!
 
उन रास्तो पे आज भी  , इंतज़ार करता पाओगे !
राह देख रहा हूँ आज भी, की तुम आओगे ,,,, हाँ ......तुम आओगे      

जिंदगी में कुछ लोग होते हैं खास ..

जिंदगी में कुछ लोग होते हैं खास !
जिन पर होता है , हमे पूरा विश्वास !!
 
अजनबी बनकर लोग आते है !
आंसू देकर , आँखों में चले जाते है !!
कहकर जाते है की वो आयेंगे !
उनके आने की रहती है आस !
 
जिंदगी में कुछ लोग होते हैं खास !
जिन पर होता है , हमे पूरा विश्वास !!
 
 फिर हम लोग जैसे ही आगे बढ़ते है !
कुछ मिलते है अपने , तो कुछ बिछड़ते है !!
कुछ खुसी मनाते है , आगे बढ़ने की !
तो कुछ को ये खुसी , नही आती है रास !!
 
जिंदगी में कुछ लोग होते हैं खास !
जिन पर होता है , हमे पूरा विश्वास !!
 
 

Saturday, 11 February 2012

आ पहुंचा फिर यादों का काफिला भी......

 साहिल पर खड़ा ,देख रहा था मौजो के नज़ारे !
सोचने लगा तुमको , की कभी आप भी थे हमारे !!
 
साहिल से मिलने मौजे आती रही !
छुअन से मुझे अपनी,मीठा एहसास कराती रही !!
 
आ पहुंचा फिर यादों का काफिला भी !
पलके अनायास ही , उदासी भरे गीत गाने लगी !!
 
बहुत समझाया इस बाँवरे मन को मैंने !
ये पागल हँसता रहा , और आँख भर आती रही !!
 
उदासियाँ साज अपना सजाने लगी !
मेरी परछाई मुझसे कतराने लगी !!
 
मैं तुमको सोचता खड़ा रह गया जैसे !
जुदा होकर तुझसे ,जियूँगा कैसे !!
 
टूट गया हूँ आज , तेरी बेवाफ़ी से यारा !
साहिल पर खड़ा देखता रहा , मौजो का नजारा !!

Friday, 10 February 2012

आज भी तन्हा उसी राह पर खड़े है ....

आग से धुले और पानी से जले है,
हम तो मरने से पहले भी कई बार मरे है !
तलाश थी जिस आरज़ू की अब तक,
आज भी तन्हा उसी राह पर खड़े है !
सौ बार किया मैंने उल्फत का बया,
ये दर्द उनके दिल तक न गया,
मेरी बर्बादी में उनके एहसान बड़े है,
आज भी तन्हा उसी राह पर खड़े है !
मैंने तय किया जिसके लिए शहरो का सफ़र,
उसने दो कदमो में किया मेरा प्यार दफन,
मेरी मौत के सामान मेरे सामने पड़े है,
आज भी तन्हा उसी राह पर खड़े है !
क्या आज वो रात होगी ?
ये ज़िन्दगी शायद अब मौत के बाद होगी...
मेरे अपने ही मेरी खुशियों से लडे है,
इसीलिए, आज भी तन्हा उसी राह पर खड़े है !

Wednesday, 8 February 2012

अश्क आज बनकर आये है मेहमान .....

अश्क आज बनकर आये है मेहमान 
सजा है यहाँ देखो , उदासीयो का सामान 
 
इस चेहरे पर है , ये जो इतनी उदासी 
दीदार की है बस , ये तेरे ही प्यासी 
मेरा साया ही , मेरा नहीं रहा अब तो 
घर में अपने ही ,अब बन बैठे है अनजान 
 
अश्क आज बनकर आये है मेहमान 
सजा है यहाँ देखो , उदासीयो का सामान
 
मुस्कान से तो जैसे ,अब वास्ता ही नही रहा 
मंजिल मिलनी तो दूर ,अब रास्ता भी नही रहा
लोग कहते है , की तुम लौट आओगे एक दिन 
मगर अब बातो से किसी की , नही होता इत्मिनान 
 
अश्क आज बनकर आये है मेहमान 
सजा है यहाँ देखो , उदासीयो का सामान
 
जिंदगी में तुम क्यों आये मेरी
यादो को कैसे, भूलाऊ मैं तेरी
दो पल जीने की ,हसरत थी साथ तेरे
खाक मगर हुए, वो सारे अरमान
 
अश्क आज बनकर आये है मेहमान 
सजा है यहाँ देखो , उदासीयो का सामान

Tuesday, 7 February 2012

ये यादो की कहानी , सब कुछ कह निकली........

ये यादो की कहानी , सब कुछ कह निकली !
आसूं की धारा देखो , स्वत : ही बह निकली !! 
 
बड़ी मुश्किल से सजाये थे , ख्वाब तेरे !
बैचैन थे कुछ सवाल , पाने को जवाब तेरे !!
और वर्षो से , इन होठों ने चुप्पी नही तोड़ी !
आज देखा तो , उन यादो की कितनी तह  निकली !!
 
ये यादो की कहानी , सब कुछ कह निकली !
आसूं की धारा देखो , स्वत : ही बह निकली !!
 
जब से गये हो तुम , तनहा मुझे छोडकर !
बेरहम की तरह , शीशे सा मुझको तोडकर !!
सिखाया मैंने दिल को , तुझसे दूर रहना !
ये धडकन भी जैसे ,सारे दर्द सह निकली !!
 
ये यादो की कहानी , सब कुछ कह निकली !
आसूं की धारा देखो , स्वत : ही बह निकली !! 
 
बड़े दिनों बाद , वो तसरीफ इधर लाये है ! 
भक्त के द्वार , जैसे खुद  भगवान आये है !!
अपने किये पर जैसे , खुद ही शर्मिंदा है वो !
लेकिन ,देखकर आज उनको दिल से एक आह निकली !!
 
ये यादो की कहानी , सब कुछ कह निकली !
आसूं की धारा देखो , स्वत : ही बह निकली !! 

Friday, 3 February 2012

गर तुम बाती मैं दिया होता.........

काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
सब कुछ था पास, ये जिंदगी जीने में
एक ही दिल था , जो धडक रहा था सीने में
क्या होती है तन्हाई , ये समझती तुम भी
गर दिल से एक बार मुझे याद किया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
तुम साथ थे हर , दिन दिवाली थी
तेरे जाने के बाद , सब गलिया खाली थी
सारा जहाँ रोशन था , मेरे घर को छोड़ कर
रौशनी वहां भी होती , गर तुम बाती मैं दिया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
रास्ते उस गाँव के सुनसान हो गये
खाक में सारे ,मेरे अरमान हो गये
चमक जाता मैं भी सितारों की तरह 
गर एक बार तुने मेरा नाम लिया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
  
 

Wednesday, 1 February 2012

उसे पढकर शायद आ जाये , आपको भी रोना..

आज २१ वर्षो बाद , मैंने जिंदगी को है जाना !
कितने होते है रूप इसके , आज है पहचाना !!
 
इन बीते वर्षो में , ना जाने क्या क्या हुआ !
कहीं लगी थी आग, तो था कहीं धुआं धुआं !!
यूँ तो दर्द ओ गम , साथी बन चुके थे मेरे !
मगर अभी भी कुछ बाकि था , साथ मेरे होना !!
 
आज २१ वर्षो बाद , मैंने जिंदगी को है जाना !
कितने होते है रूप इसके , आज है पहचाना !!
 
इस जिंदगी में , लोग मिलते गये ,बिछड़ते गये !
कुछ हो गये पुराने , कुछ बन गये नये !!
वो जो लिखी थी ग़ज़ल , इस जिंदगी को जीकर !
उसे पढकर शायद आ जाये , आपको भी रोना !
 
आज २१ वर्षो बाद , मैंने जिंदगी को है जाना !
कितने होते है रूप इसके , आज है पहचाना !! 
 
ये क्या , अभी ही भर आई आपकी आँखें !
मत रो , अभी चल रही है मेरी सांसे !!
इल्त्जां यही है , मेरी आप सबसे !
मेरे बाद मेरी , कविताओ को सुनाना !!
 
आज २१ वर्षो बाद , मैंने जिंदगी को है जाना !
कितने होते है रूप इसके , आज है पहचाना !!
 
 

तेरी यादों की कोठरी......

आज फिर तेरी वो बाते याद आई
जिन्होंने हलचल मेरे दिल विच मचाई
वो आपका चेहरा आज फिर
मुस्कुरा कर सामने मेरे आ गया
दिल में मेरे एहसास हुआ ऐसा
जैसे कोई भूचाल आ गया
फिर ले गया मन तेरी यादों की कोठरी में
और याद जब तुझको किया तो आँखें भर आई
आज फिर तेरी वो बाते याद आई
जिन्होंने हलचल मेरे दिल विच मचाई