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Monday, 30 July 2012

जिंदगी से कुछ पूछना चाहता हूँ ....

जब छोटा था , तब एक नाम सुना था जिंदगी ........
आज तक उसको ही सोच रहा हूँ ...की मैं क्यों सोच रहा हूँ...............
लोग कहते हैं की ... जिंदगी एक हसी ख्वाब है ..
मगर मैंने इसको जीकर देखा तो लगा ....की ......
जिंदगी अश्को की किताब है ...
जो जब चाहे . इन आँखों से बरसात करा सकती है ...
लेकिन उसका भी एक अलग ही आनंद हैं  ..
जिसमे सिर्फ दर्द ही दर्द झलकता हैं ....
खुशियाँ तो सभी के हिस्से में आ जाती है ..मगर ..
दर्द किस्मत वालो को ही मिलता है ....
और जाते जाते यूँ जिंदगी से कुछ पूछना चाहता हूँ ....की ....
 
इस तन्हाई में ,उदासी के कोई गीत तो गाये !
बहुत सह चुके , इस दर्द को कोई तो समझाए !!
मुझे मुस्कान के बदले , मिली अश्को की सोगाते !
ऐ ''हमसफर'' आकर जरा बता मुझको ......
इस जिंदगी को अब कैसे जिया जाये !!
 
प्रस्तुतकर्ता :- पी के शर्मा   

Thursday, 26 July 2012

बहुत आसाँ है रो देना

बहुत आसाँ है रो देना, बहुत मुश्किल हँसाना है
कोई बिन बात हँस दे-लोग कहते हैं "दिवाना है"

किसी की दोस्ती हो तो कड़ी राहें भी कट जाएँ
यहाँ हर  रिश्ते हैं जो अब मुश्किल निभाना है

मेरी मजबूरियों को तुम ख़ुशी का नाम मत देना
यहाँ तुम भी नहीं हो अब बड़ा मुश्किल ज़माना है

बहुत आसाँ है रो देना, बहुत मुश्किल हँसाना है
कोई बिन बात हँस दे-लोग कहते हैं "दिवाना है"

Friday, 13 July 2012

यही सोच सोच के, हूँ परेशाँ.....

मुझको नहीं मालूम की  ........
ये मन कबसे बेगाना है !
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
अब कहें जो , सो वो कहती रहे !
मुझको इसकी परवाह नहीं !!
वो प्यार करें या ना करें !
ये मन उनका , दीवाना है !!
 
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
है कुछ भी नहीं , मगर फिर भी .......
मुझको एक विश्वास है..........
जो मिलके भी , मिल पता नहीं ........
होता वही क्यों खास है ...
यही सोच सोच के, हूँ परेशाँ.....
 वो अपना है , या बेगाना है ....
 
मुझे उनकी सब खबर है लेकिन ..
वो कहते मुझे, अनजाना है !!
 
 

Thursday, 5 July 2012

आंसू भी क्या करते बेचारे , इनको बस बहना था.......

मैं कह नहीं पाया, मगर तुमको तो कहना था !
इस बेबस दिल में मेरे बस तुमको ही रहना था !!
 
जिंदगी में तुझको पाकर खुश था मैं भी , कभी !
तूफ़ान बेबसी का इस जिंदगी में , वो आया तभी !!
याद आती है , जब वो भयानक रात का मंजर !
आंसू भी क्या करते बेचारे , इनको बस बहना था !!
 
मैं कह नहीं पाया, मगर तुमको तो कहना था !
इस बेबस दिल में मेरे बस तुमको ही रहना था !!