यूं ही चला आ रहा हूँ कबसे जिंदगी को जीतता हारता, तलाश है मंजिल की डगर की ,तलाश है मेरे हमसफ़र की ....
Wednesday, 15 May 2013
Thursday, 9 May 2013
Tuesday, 7 May 2013
एक शाम माँ के नाम ..........
कल ख्वाबो में रब से मुलाकात हो गयी !
ऐसी घटना घटित मेरे साथ हो गयी !!
मैं कहने लगा, मेरी इबादत का कुछ यूँ फल मिले !
मेरी प्यारी सी माँ को, एक हसीं कल मिले !!
यूँ तो गमो में गुजरी है,उसकी जिंदगानी !
है तुझसे, इतनी गुज़ारिश, तू करदे मेहरबानी !!
बस रब से यही दुआ है, हो कबूल मेरी मन्नत !
हर ख़ुशी मिले माँ को, उनकी खुशियों में ही है मेरी ज़न्नत !!
पी के ''तनहा''
ऐसी घटना घटित मेरे साथ हो गयी !!
मैं कहने लगा, मेरी इबादत का कुछ यूँ फल मिले !
मेरी प्यारी सी माँ को, एक हसीं कल मिले !!
यूँ तो गमो में गुजरी है,उसकी जिंदगानी !
है तुझसे, इतनी गुज़ारिश, तू करदे मेहरबानी !!
बस रब से यही दुआ है, हो कबूल मेरी मन्नत !
हर ख़ुशी मिले माँ को, उनकी खुशियों में ही है मेरी ज़न्नत !!
पी के ''तनहा''
Friday, 3 May 2013
जब कभी मैं, खुद ही में डूबकर, तुझको सोचता हूँ.....
इस लम्हा लम्हा जिंदगी में, तुम्हे जब कभी सोचता हूँ !
तब जिंदगी के हर लम्हे में, बस तुम्हे ही खोजता हूँ !!
मन में एक अजीब एहसास होता है , यूँ तुझको सोचकर !
जब कभी मैं, खुद ही में डूबकर, तुझको सोचता हूँ ....
पी के ''तनहा''
तब जिंदगी के हर लम्हे में, बस तुम्हे ही खोजता हूँ !!
मन में एक अजीब एहसास होता है , यूँ तुझको सोचकर !
जब कभी मैं, खुद ही में डूबकर, तुझको सोचता हूँ ....
पी के ''तनहा''
मैंने जिंदगी को, कोई ख्वाब संजोने ना दिया ..........
मैंने जिंदगी को, कोई ख्वाब संजोने ना दिया !
तेरे सिवा, इस दिल को किसी का होने ना दिया !!
जब से बिछड़े हो, तनहा तडपती है मेरी आँखें !
एक उम्र से मैंने , इनको पलके भिगोने ना दिया !!
पी के ''तन्हा''
तेरे सिवा, इस दिल को किसी का होने ना दिया !!
जब से बिछड़े हो, तनहा तडपती है मेरी आँखें !
एक उम्र से मैंने , इनको पलके भिगोने ना दिया !!
पी के ''तन्हा''
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