यूं ही चला आ रहा हूँ कबसे जिंदगी को जीतता हारता, तलाश है मंजिल की डगर की ,तलाश है मेरे हमसफ़र की ....
Wednesday, 19 June 2013
Monday, 3 June 2013
फिर सोचकर तुझको, तुझ ही में डूब जाता हूँ ....
तेरी यादों में, मैं जब खुलकर मुस्कुराता हूँ !
तुझसे बिछड़ कर जो लिखा,वो गीत गाता हूँ !!
यूँ सोचकर तुझको, मैंने जब भी देखा है !
फिर सोचकर तुझको, तुझ ही में डूब जाता हूँ !!
पी के ''तनहा''
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