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Saturday, 31 May 2014

मैंने हर इबादत में मगर, तुझको खुदा माना है

जुस्तजू नही, कि तुझको भी हो मोह्हब्त मुझसे !
मैंने हर इबादत में मगर, तुझको खुदा माना है !!

पी के ''तनहा''

Thursday, 29 May 2014

निकाल दो बेशक, मुझको दिल से अपने........

मेरे हिस्से में है दर्द जितने, आज सहने दो !
मत रोको, ''अश्क़ ए दरिया'' को आज बहने दो !!
तुम निकाल दो बेशक, मुझको दिल से अपने !
इतना कर दो मगर, अपनी दुआओ में रहने दो !!

पी के ''तनहा''