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Wednesday, 6 June 2012

आज लिखने को कोई कहानी नहीं है..

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

यूं तो शब्दों की मेरे , कोई कीमत नहीं है !
मैं जिंदा भी हूँ , ये हकीकत नहीं है !!
यादों में तेरी जो बह चुके , मेरे आंसू !
वो आंसूं ही है , बहता पानी नहीं है !!

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

जिंदगी वैसे तो वीरान हो चुकी मेरी !
आशा बाकि है अभी , लौट आने की तेरी !!
जबसे गये हो तनहा हूँ , हो गया मैं !
अब मालुम हुआ , बिन तेरे जिंदगानी नहीं है !!

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

लिखता हूँ मैं , लोग कहने लगे है !
नहीं मालूम उन्हें शायद , लिखने के बहाने !!
हम ज़ख्मो को छुपाने लगे है !
यूं तो अलग भी नहीं है , ये कहानी मेरी !!
मगर फिर भी जानी - पहचानी नहीं है !

ये यादें नयी है , पुरानी नहीं है !
आज लिखने को कोई कहानी नहीं है !!

2 comments:

  1. दिल के सुंदर एहसास
    नई पोस्ट सदा की अर्पिता पर आपका स्वगत है

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  2. ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.

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पी के ''तनहा''