उसके हाथों में अब, मेरी तकदीर नजर आती है !
देखकर उसको, जिंदगी कुछ और संवर जाती है !!
मैं, बयां करूँ तो कैसे, उसकी सादगी के चर्चे !
...
सादे लिबास में , वो थोडा और निखर जाती है !!
पी के ''तनहा''
देखकर उसको, जिंदगी कुछ और संवर जाती है !!
मैं, बयां करूँ तो कैसे, उसकी सादगी के चर्चे !
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सादे लिबास में , वो थोडा और निखर जाती है !!
पी के ''तनहा''
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पी के ''तनहा''