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Wednesday 30 January 2013

मैं, बयां करूँ तो कैसे, उसकी सादगी के चर्चे


उसके हाथों में अब, मेरी तकदीर नजर आती है !

देखकर उसको, जिंदगी कुछ और संवर जाती है !!

मैं, बयां करूँ तो कैसे, उसकी सादगी के चर्चे !
...
सादे लिबास में , वो थोडा और निखर जाती है !!

पी के ''तनहा''

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पी के ''तनहा''