मैंने कभी, ऐसे प्यार का मंजर नहीं देखा !
ऐसा कातिल नहीं देखा, ऐसा खंजर नहीं देखा !!
नादां है वो इतनी, बेवफा कैसे कह दूं उसको !
शायद उसने मेरे प्यार का समुन्दर नहीं देखा !!
पी के ''तनहा''
ऐसा कातिल नहीं देखा, ऐसा खंजर नहीं देखा !!
नादां है वो इतनी, बेवफा कैसे कह दूं उसको !
शायद उसने मेरे प्यार का समुन्दर नहीं देखा !!
पी के ''तनहा''
gr88 lines
ReplyDeleteThnks Rewa ji
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