मोह्हबत की इस दुनिया में
मेरा इश्क़ भी तुम हो
प्यार भी तुम हो
तुम ही मेरी प्रीत भी
जीवन के इस जंजाल में
मेरे कल भी तुम हो
आज भी तुम हो
तुम ही मेरा अतीत भी
हमदम मेरे इस खेल में
मेरा संसार भी तुम हो
हार भी तुम हो
तुम ही मेरी जीत भी
मधुरमय जीवन के मेरे
साज भी तुम हो
सुर भी तुम हो
तुम ही मेरे संगीत भी
इन शब्दो की दुनिया के
सरताज भी तुम हो
आगाज़ भी तुम हो
तुम ही मेरे गीत भी
अजनबी सी इन राहों में
मेरे जीवन तुम हो
हम- दम तुम हो
तुम ही मेरे मीत भी
मोह्हबत की इस दुनिया में
मेरा इश्क़ भी तुम हो
प्यार भी तुम हो
तुम ही मेरी प्रीत भी
पी के तनहा
No comments:
Post a Comment
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''