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Thursday 19 December 2019

ख्वाहिशे ठिठुर सी रही है शायद

ख्वाहिशे ठिठुर सी रही है शायद !
सर्दियां जो अपने उफान पर है !!
तेरी तू जाने, क्या हालात है उधर !
इधर तो तू ही अपनी जुबान पर है !!
पी के तनहा

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पी के ''तनहा''