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Tuesday, 12 April 2011

बस लिख रहे हैं प्यार तुम्हे

 बहुत दिन से कुछ लिख नहीं पाए....उसके लिए माफ़ी चाहते  है
एक शेर आपके  समक्ष.....
हैं दूर बहुत मजबूर बहुत
क्या भेंट करे उपहार तुम्हे
स्वीकार इसी को कर लेना
बस लिख रहे हैं प्यार तुम्हे

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पी के ''तनहा''