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Friday, 29 April 2011

मैं लड़ा बहुत इस दुनिया से सह गया बहुत कडवे ठोकर


आ भी जाओ यूं न सताओ 
 बुलाता हूँ  मैं तुमको रो रो कर 
मैं लड़ा बहुत इस दुनिया से
सह गया बहुत कडवे ठोकर
तुम साथ रहे , मैं जीत गया
पर हार गया तुमको खोकर। 

पहले था मैं जिस घर का मालिक 
आज बना हूँ उसका मैं नोकर
तुमने मुझे कहा था हैण्ड सम  
पर अब मुझको लोग कहते है जोकर 
मैं लड़ा बहुत इस दुनिया से
सह गया बहुत कडवे ठोकर
आ भी जाओ यूं न सताओ 
 बुलाता हूँ  मैं तुमको रो रो कर 
एक अनुरोध :-इस मंच पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, बस जाने से पहले एक गुजारिश है साहब की- 'कुछ तो कहते जाइये जो याद आप हमको भी रहें, अच्छा नहीं तो बुरा सही पर कुछ तो लिखते जाइये

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पी के ''तनहा''