माँ तब तुम्हारी याद आई
सुबह सवेरे आँख खुली
और तेरी सूरत नज़र न आई
माँ तब तुम्हारी याद आई
सांझ ढले जब घर लोटा
और तू घर पर नज़र न आई
माँ तब तुम्हारी याद आई
दुनिया भर की धुप लगी
और तेरी आँचल छाव न पाई
माँ तब तुम्हारी याद आई
चौखट पर जब मेरे घर की
तेज जब भी हवा आई
माँ तब तुम्हारी याद आई
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पी के ''तनहा''