यूं ही चला आ रहा हूँ कबसे जिंदगी को जीतता हारता, तलाश है मंजिल की डगर की ,तलाश है मेरे हमसफ़र की ....
वाह ...बहुत बढ़िया
thnks Vandna Ji
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,आपका अपना पी के ''तनहा''
वाह ...बहुत बढ़िया
ReplyDeletethnks Vandna Ji
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