सुखो की आशा लिए ,बस दुखो के घूंट ही पीते है !!
सोचते सभी है , इस दुनिया में कुछ कर के जाना !
चाहते है , सभी इस दुनिया में नाम कमाना !!
इस मतलब की दुनिया में , ये मुमकिन न हो सका !
इस चलती फिरती दुनिया में , बस कोई भी नही रुका !!
अब इन दुखो के भईया , दोषी तो खुद ही बन बैठे !
हालात ऐसे है कुछ, अब हर बेटा बापू पर ऐठे !!
पर है कुछ ऐसे भी बेटे,बापू के जख्म जो सीते है !
हर दर्द को ऐसे सहते है , न जाने कितने मीठे है !!
लोग इस जिंदगी में जाने कितनी जिंदगी जीते है !
सुखो की आशा लिए ,बस दुखो के घूंट ही पीते है !!
पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
ReplyDelete.........रचना के लिए बधाई स्वीकारें.
.................बहुत सुंदर
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ
मैं ब्लॉगजगत में नया हूँ कृपया मेरा मार्ग दर्शन करे
http://rajkumarchuhan.blogspot.in