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Saturday, 3 March 2012

इस हंसी के पीछे राज़ हुआ करते है...........

मैं देखता हूँ अक्सर ,बहुत से हँसते हुए चेहरे !
मगर ,इस हंसी के पीछे राज़ हुआ करते हैं !!
 
गम को छुपाने , के वास्ते हँसते है लोग !
ना चाहते हुए भी लग जाता है , ये रोग !!
किसी भी चीज़ की प्रिसिद्दी के पीछे दोस्तों !
कोई बड़े से बड़े साज़ हुआ करते है !!
 
मैं देखता हूँ अक्सर ,बहुत से हँसते हुए चेहरे !
मगर ,इस हंसी के पीछे राज़ हुआ करते हैं !!
 
मैंने देखा है , मौजो को साहिल से मिलते हुए !
शांत समुन्द्र, को अक्सर यूं ही  हिलते हुए !!
ये चट्टानें , देखा करती है , तबाही का मंजर !
न जाने कितने यहाँ , बेमौत मरा करते है !!
 
मैं देखता हूँ अक्सर ,बहुत से हँसते हुए चेहरे !
मगर ,इस हंसी के पीछे राज़ हुआ करते हैं !!
 
 
 

1 comment:

  1. बहुत सही लिखा है आपने ..

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पी के ''तनहा''