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Monday 9 April 2012

सुनो जरा तुम सुनकर जाना ..............

सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
दुनिया हमसे रूठ भी जाये !
अपना कोई छुट भी जाये !!
चाहे जान हमारी ले लो !
रूठ के हमसे पर ना जाना !!
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
जब जब ख्वाबो में तुम आये !
हँसते रहे और , आंसू भर आये !!
निहारते रहे तुझको एक टक ही !
अचानक टुटा ख्वाब सुहाना !!
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!
जिंदगी तेरे साथ ही जी ली !
बिछड़ के तुझसे थोड़ी पी ली !!
तेरी याद में इतना पी गये !
खाली हम  कर गये पैमाना !
सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
दिल को मेरे चुन कर जाना !!

4 comments:

  1. बेहद शानदार प्रेममयी प्रस्तुति।

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  2. खूबसूरत अह्साशों से भरी बेहतरीन कविता प्रस्तुत की है आपने

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  3. रूठ के हमसे पर ना जाना !!
    सुनो जरा तुम सुनकर जाना !
    ...pyar mein dubi dilkash pyarbhari rachna...

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पी के ''तनहा''