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Saturday 28 April 2012

याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए

उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 
था तन्हाई का तूफ़ान......
थी आंसुओ की बारिश .........
चेहरा तो हमने अपने ......
उन आंसुओ से धो लिए .......
 
उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 
एक इंतज़ार में तेरे ....
कब से खड़े थे दर पे ....
तू वफा कर, या बेवफाई ...
हम तो तेरे हो लिए ....
 
उड़ चुकी थी नीद , और जागकर हम सो लिए !,
याद में तेरी हम , आज फिर से रो लिए !! 
 

3 comments:

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आपका अपना
पी के ''तनहा''