एक गुनाह , जो मैं बार बार करता हूँ !
भूलकर अक्सर, तुझे याद करता हूँ !!
पाता हूँ, खुद को मैं ''तनहा'' जब कभी !
रब से ''दीदार ए यार'' की फ़रियाद करता हूँ !!
पी के ''तनहा''
भूलकर अक्सर, तुझे याद करता हूँ !!
पाता हूँ, खुद को मैं ''तनहा'' जब कभी !
रब से ''दीदार ए यार'' की फ़रियाद करता हूँ !!
पी के ''तनहा''
आमीन !!
ReplyDeleteरब मनोकामना पूरी करे !!
तथास्तु !!
शुभकामनायें !!