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Monday, 8 April 2013

साथ जिसके हँसे, उसने रुलाया बहुत !!............

आज वो मुसाफिर, फिर से याद आया बहुत !
मैंने जिससे, था, दिल को लगाया बहुत !!

मैंने जां-ओ-जिंदगी, कर दी नाम सब उसके !
मगर उसने, था मुझको आजमाया बहुत !!

अब मेरी वफा को कैसे, नीलाम वो करता !
हर पल था, मैंने जिसको, हंसाया बहुत !!

बिछड के उससे अब, कैसे हम जी ले !
साथ जिसके हँसे, उसने रुलाया बहुत !!

पी के ''तनहा''




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पी के ''तनहा''