मैंने जिंदगी को, कोई ख्वाब संजोने ना दिया !
तेरे सिवा, इस दिल को किसी का होने ना दिया !!
जब से बिछड़े हो, तनहा तडपती है मेरी आँखें !
एक उम्र से मैंने , इनको पलके भिगोने ना दिया !!
पी के ''तन्हा''
तेरे सिवा, इस दिल को किसी का होने ना दिया !!
जब से बिछड़े हो, तनहा तडपती है मेरी आँखें !
एक उम्र से मैंने , इनको पलके भिगोने ना दिया !!
पी के ''तन्हा''
No comments:
Post a Comment
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''