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Monday 6 January 2014

इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है...

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!
जीता नही कभी मैं, जीवन के इस सफ़र में !
गर तुम भी ना मिले तो, एक और मेरी ''हार'' है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

माना इस सफ़र में, रुसवाईयाँ है लेकिन !
मदमस्त महफ़िलो में, तन्हाईयाँ है लेकिन !!
मालूम है ये मुझको, बस गम ही गम मिलेंगे !
तेरे लिए ''ए प्रियतम'', हर गम मुझे स्वीकार है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

पी के ''तनहा''

7 comments:

  1. आपकी लिखी रचना बुधवार 08/01/2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  2. बहुत सुन्दर...... नव वर्ष मंगलमय हो

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  3. बहुत कोमल भावनाओं पर है ग़ज़ल ...बहुत सुन्दर |
    नई पोस्ट सर्दी का मौसम!
    नई पोस्ट लघु कथा

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पी के ''तनहा''