कभी बस जाती है, दिल में मेरे !
कभी मुझको उदास करती है !!
तेरी यादें, जो मुझसे बात करती है !
तुझको, बस तुझ ही को याद करती है !!
इसी कश्मकश में, बिखर जाता हूँ मैं !
आती है तेरी याद, संवर जाता हूँ मैं !!
मैं जब जब होता हूँ, ''तनहा '' कभी !
आकर मेरी तन्हाई, दूर करती है !!
कभी बस जाती है, दिल में मेरे !
कभी मुझको उदास करती है !!
साथ जब जब तेरी यादो का ना पाते है !
मेरे शब्द भी, बेअसर से हो जाते है !!
तेरी यादों में डूब कर, मैंने लिखा है जब भी !
तेरी यादें, मेरे नगमो में रंग भरती है !!
कभी बस जाती है, दिल में मेरे !
कभी मुझको उदास करती है !!
पी के ''तनहा''
कभी मुझको उदास करती है !!
तेरी यादें, जो मुझसे बात करती है !
तुझको, बस तुझ ही को याद करती है !!
इसी कश्मकश में, बिखर जाता हूँ मैं !
आती है तेरी याद, संवर जाता हूँ मैं !!
मैं जब जब होता हूँ, ''तनहा '' कभी !
आकर मेरी तन्हाई, दूर करती है !!
कभी बस जाती है, दिल में मेरे !
कभी मुझको उदास करती है !!
साथ जब जब तेरी यादो का ना पाते है !
मेरे शब्द भी, बेअसर से हो जाते है !!
तेरी यादों में डूब कर, मैंने लिखा है जब भी !
तेरी यादें, मेरे नगमो में रंग भरती है !!
कभी बस जाती है, दिल में मेरे !
कभी मुझको उदास करती है !!
पी के ''तनहा''
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआह पर वाह वाह
हार्दिक शुभकामनायें
thnks
Deleteati sundar post
ReplyDeletethnsk ANA ji
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