हमने गुलशन उजड़ते देखा है
भाई-भाई को लड़ते देखा है
इतनी वहशत जुदाई से 'तौबा'
ख़्वाब तक में बिछड़ते देखा है
बोझ नजदीकियाँ न बन जाएँ
कीड़ा मीठे में पड़ते देखा है
एक बस दिल की बात सुनने में
हमने रिश्ते बिगड़ते देखा है
अब तो गर्दन बचाना है मुश्किल
पाँव उनको पकड़ते देखा है
हार दुनिया ने मान ली "PK"
जब तुझे जिद पे अड़ते देखा है
भाई-भाई को लड़ते देखा है
इतनी वहशत जुदाई से 'तौबा'
ख़्वाब तक में बिछड़ते देखा है
बोझ नजदीकियाँ न बन जाएँ
कीड़ा मीठे में पड़ते देखा है
एक बस दिल की बात सुनने में
हमने रिश्ते बिगड़ते देखा है
अब तो गर्दन बचाना है मुश्किल
पाँव उनको पकड़ते देखा है
हार दुनिया ने मान ली "PK"
जब तुझे जिद पे अड़ते देखा है
No comments:
Post a Comment
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''