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Tuesday, 8 February 2011

हर इक आँसू की होती, कोई ना कोई कहानी है


सुना करते थे कि आँसू तो
होते अपनेपन की निशानी है।
हर इक आँसू की होती  
कोई ना कोई कहानी है  
बदलने की आदत में दिल के
रिश्ते भी बदलते जाते हैं ।
जिसको अपना समझते हैं
उसी से धोखा खा जाते हैं
किसी की याद में रोना
हो चला अब तो बेमानी है
खुशी किसी की सुनकर अब
हर इक आँसू की होती  
कोई ना कोई कहानी है  
आसूँ नही छलकते आँखों से ।
गले न मिलते बरसों के बिछडे
बस हाथ मिलाते हाथों से
आसूँ अब नही रहे मोती
ये बेबस नमक का पानी है

हर इक आँसू की होती  
कोई ना कोई कहानी है  

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पी के ''तनहा''