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Thursday, 24 November 2011

एक बार बता जा मेरे सनम, मैं इन अश्को को नाम क्या दूं ..

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

भरी महफ़िल में बदनाम हुआ 
अब इन हाथों में जाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

मेरी जिंदगी की सुबह ही नहीं 
फिर तुझको हंसी शाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

जिया हूँ अब तक तेरी खातिर 
अब जाते जाते सलाम क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

पल पल रोती मेरी आँखें .....
अब इस चेहरे पे मुस्कान क्या दूं 

एक बार बता जा मेरे सनम 
मैं इन अश्को को नाम क्या दूं 

2 comments:

  1. I appreciate any insights or your own story regarding something similar. Hope see your next posts next time.

    From everything is canvas

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आपका अपना
पी के ''तनहा''