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Wednesday, 7 December 2011

आज हंसा कुछ यूं खुलकर .....

जिंदगी को जिया है यूं ही 
छोटी सी आशा बुनकर 
याद आज कुछ ऐसा आया 
आज हंसा कुछ यूं खुलकर 

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आपका अपना
पी के ''तनहा''