ये तब ही महसूस होती है ......
छुपा न पाओगे मुझसे तुम
अपनी आँखों का समुंदर
आँखें तो रोती ही है तुम्हारी
कभी कभी मुस्कान भी रोती है
जिंदगी जब भी मायूस होती है
ये तब ही महसूस होती है .......
काश छंट जाते वो अंधेरो के साये
तुम्हारी मुस्कान फिर से लौट आये
ये अश्क भी अब अश्क नहीं रहे
लोग कहने लगे इन्हें अब मोती है
जिंदगी जब भी मायूस होती है
ये तब ही महसूस होती है ......
मुझको दर्द देने का ......
उसका अलग अंदाज़ था
मगर दुःख दर्द में मेरे वो
अब भी महफूज़ होती है
जिंदगी जब भी मायूस होती है
ये तब ही महसूस होती है.......
bahut hi sundar rachana hai...
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