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Wednesday, 1 August 2012

कहता है मेरी आँखों का पानी ............

कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !! 
 
चंद यादें ही बची है पास मेरे !
रूठी है जबसे , सपनों की रानी !!

दिल का दरिया, कबसे है कह रहा !
लौट आओ, तुम बनकर दीवानी !!

यादें भी तेरी मिट रही है अब तो !
दे जाओ कुछ तो अपनी निशानी !!

जिंदगी बिन तेरे , ये  हुई कुछ ऐसी !
जिंदा हूँ, मगर ना है जिंदगानी !!

कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !! 

4 comments:

  1. रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई .... !!

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  2. जब कोई अपना रूठे तो ऐसा ही लगता है..
    कोमल भाव लिए बेहतरीन रचना:-)

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पी के ''तनहा''