कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !!
चंद यादें ही बची है पास मेरे !
रूठी है जबसे , सपनों की रानी !!
दिल का दरिया, कबसे है कह रहा !
लौट आओ, तुम बनकर दीवानी !!
यादें भी तेरी मिट रही है अब तो !
दे जाओ कुछ तो अपनी निशानी !!
जिंदगी बिन तेरे , ये हुई कुछ ऐसी !
जिंदा हूँ, मगर ना है जिंदगानी !!
कहता है मेरी आँखों का पानी !
सुनलो जरा तुम मेरी कहानी !!
रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई .... !!
ReplyDeleteaapko bhi vibha ji
Deleteजब कोई अपना रूठे तो ऐसा ही लगता है..
ReplyDeleteकोमल भाव लिए बेहतरीन रचना:-)
Thanks reena ji
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