मेरी ज़िंदगी में तू, इतना खास है !
तू नहीं है , मगर तेरा एहसास है !!
एक तेरे बगैर तनहा तनहा हूँ मैं !
जबकि सब कुछ तो मेरे पास है !!
आज बरसो बाद, आँखे रोई है मेरी !
और दिल भी, ये जाने क्यों उदास है !!
संवदनाए मर सी गई है, अपनी !
ज़िंदगी मानो, एक ज़िंदा लाश है !!
दुःख दर्द से अपना, पुराना नाता है !
खुशियाँ जाने, क्यों आती ना रास है !!
एक तेरे बगैर तनहा तनहा हूँ मैं !
जबकि सब कुछ तो मेरे पास है !!
पी के ''तनहा''
तू नहीं है , मगर तेरा एहसास है !!
एक तेरे बगैर तनहा तनहा हूँ मैं !
जबकि सब कुछ तो मेरे पास है !!
आज बरसो बाद, आँखे रोई है मेरी !
और दिल भी, ये जाने क्यों उदास है !!
संवदनाए मर सी गई है, अपनी !
ज़िंदगी मानो, एक ज़िंदा लाश है !!
दुःख दर्द से अपना, पुराना नाता है !
खुशियाँ जाने, क्यों आती ना रास है !!
एक तेरे बगैर तनहा तनहा हूँ मैं !
जबकि सब कुछ तो मेरे पास है !!
पी के ''तनहा''
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