मेरी ख्वाबो की दुनिया
अब सवरने लगी है |
थी जिसको नफरत मुझसे
वो भी मुझपर मरने लगी है
मेरी ख्वाबो की दुनिया
अब सवरने लगी है |
कसूर मेरा ही था की
वो मुझसे रूठे रहे उम्र भर
उनके रूठने से मिले जो ज़ख्म
उनको वो ही अब भरने लगी है
मेरी ख्वाबो की दुनिया
अब सवरने लगी है |
यूँ तो की कोशिश बहुत की
हमने उन्हें मानाने की .....
जिनको नफरत थी चेहरे से हमारे
देखकर वो भी हमको हंसने लगी है
मेरी ख्वाबो की दुनिया
अब सवरने लगी है |
उस भगवन के उपकार से
हूँ मैं आज उस मुकाम पर
की लोग सलाह लेते है मुझसे
दुनिया जिनकी बिखरने लगी है
मेरी ख्वाबो की दुनिया
अब सवरने लगी है |
No comments:
Post a Comment
आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''