वो आपका चेहरा आज फिर
मुस्कुरा कर सामने मेरे आ गया
दिल में मेरे एहसास हुआ ऐसा
जैसे कोई भूचाल आ गया
फिर ले गया मन तेरी यादों की कोठरी में
और याद जब तुझको किया तो आँखें भर आई
आज फिर तेरी वो बाते याद आई
जिन्होंने हलचल मेरे दिल विच मचाई |
वो पल आज भी याद है मुझे
इन आँखों ने देखा था जिस दिन तुझे
देखते ही तुझको मैं सिहर उठा
मेरा पागल दिल भी पिघल उठा
उस रात मुझको नीद भी नहीं आई
और जब आँख लगी तो ख्वाबो में तुम चली आई
जिन्होंने हलचल मेरे दिल विच मचाई |
ना तुम मुझको जान सके
ना हम तुम को पहचान सके
मालूम नहीं मुझे मगर लोग कहते है
की रोया था बादल भी उस रात
हुई जिस दिन तेरी मेरी विदाई
आज फिर तेरी वो बाते याद आई
जिन्होंने हलचल मेरे दिल विच मचाई |
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पी के ''तनहा''