Pages

Friday, 3 February 2012

गर तुम बाती मैं दिया होता.........

काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
सब कुछ था पास, ये जिंदगी जीने में
एक ही दिल था , जो धडक रहा था सीने में
क्या होती है तन्हाई , ये समझती तुम भी
गर दिल से एक बार मुझे याद किया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
तुम साथ थे हर , दिन दिवाली थी
तेरे जाने के बाद , सब गलिया खाली थी
सारा जहाँ रोशन था , मेरे घर को छोड़ कर
रौशनी वहां भी होती , गर तुम बाती मैं दिया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
 
रास्ते उस गाँव के सुनसान हो गये
खाक में सारे ,मेरे अरमान हो गये
चमक जाता मैं भी सितारों की तरह 
गर एक बार तुने मेरा नाम लिया होता
 
काश : जिंदगी को मैंने जिया होता !
वो गम ए जाम भी मैंने पिया होता !! 
  
 

4 comments:

  1. वो साथ थे , हर दिन होली ,रात दिवाली थी ,
    उनके जाने के बाद , सब गलिया खाली थी ,
    सारा जहाँ रोशन था , आपकेघर को छोड़ कर ,
    रौशनी वहां भी होती , गर वे बाती आप दिया होते.... :):)

    ReplyDelete
  2. रास्ते उस गाँव के सुनसान हो गये
    खाक में सारे ,मेरे अरमान हो गये
    चमक जाता मैं भी सितारों की तरह
    गर एक बार तुने मेरा नाम लिया होता


    यादों का ऐसा अनंत आकाश जिसमें हर कोई डूब जाता है ....आपने अपनी भावनाओं को बड़ी सहजता से अभिव्यक्त किया है ...!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति .

      मैं आपके ब्लॉग को फालो कर चुका हूँ, अपेक्षा करता हूँ कि आप मेरे ब्लॉग"MERI KAVITAYEN" पर पधारकर मुझे भी अपना स्नेह प्रदान करेंगे .

      Delete
  3. बहूत बेहतरीन अभिव्यक्ती है ...

    ReplyDelete

आपके सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है ! आपकी आलोचना की हमे आवश्यकता है,
आपका अपना
पी के ''तनहा''