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तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
यूं तो यादे तेरी , साथ रहती है हरपल !
तब आँखें भर आती है, अक्सर मेरी !!
याद जब आता है ,तेरे साथ गुजरा वो हसीं पल !
सोचता हूँ , काश : ये वक़्त अभी भी थम जाये !!
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
जब से गये हो तुम , हो गया हूँ तन्हा तन्हा !
तेरी याद ही रहती है साथ , हर घडी -हर लम्हा !!
कितना खुश रंग था , वो मेरी जिंदगी का पल !
और आज साथ नही देते मेरा , मेरे ही साये !!
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
बहुत ही खूबसूरत रचना.....सराहनीय.....
ReplyDeleteकृपया इसे भी पढ़े-
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)
sundar pyar bhari rachana...
ReplyDeleteसुन्दर कविता, भाव भरे शब्दों के साथ
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कविता.
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