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Monday, 13 February 2012

इज़हार मैंने , इसलिए नही किया कभी...

आज जी भर के प्यार करूँगा तुमसे !
कुछ इस तरह इज़हार करूँगा तुमसे !!
 
उन सुनसान रास्तो से भी यारी कर ली थी !
जितना हो सकता था , हदे पार सारी कर ली थी !!
 
तुम शायद रूठ ना , जाओ मुझसे अभी !
इज़हार मैंने , इसलिए नही किया कभी !!
 
तुम आओगे सोचकर , तेरी राह तकते !
उस तपती दोपहरी में , खड़े होकर भी ना थकते !!
 
माना इस रिश्ते से , दोनों ही अनजान थे !
मगर आप इस भक्त के प्यारे से भगवान थे !!
 
उन रास्तो पे आज भी  , इंतज़ार करता पाओगे !
राह देख रहा हूँ आज भी, की तुम आओगे ,,,, हाँ ......तुम आओगे      

2 comments:

  1. इंतजार करते रहिये ....व्यर्थ नहीं जाएगा

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  2. उन रास्तो पे आज भी , इंतज़ार करता पाओगे !
    राह देख रहा हूँ आज भी, की तुम आओगे ,,,, हाँ ......तुम आओगे
    बहुत सुन्दर गजब के भाव ,,
    बेहतरीन रचना...

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पी के ''तनहा''