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Saturday, 18 February 2012

जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे....

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
ये पागल दिल , कर बैठा अनजाने में प्यार !
आ भी जाओ नही होता ,मुझसे अब इंतज़ार !!
जब से छोडकर गये , हो मुझको तनहा तुम !
नहीं आया तबसे  इस दिल को ,चैन मेरे !!
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
आज कल खोया-खोया सा रहने लगा हूँ मैं  !
हर जख्म को खुशी से सहने लगा हूँ मैं !!
मेरा चेहरा अनायास ही मुस्काने लगता है !
याद आते है जब , वो तेरी बाहों  के घेरे !!
 
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे ! 
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे  !!
 
 
 

2 comments:

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आपका अपना
पी के ''तनहा''