ये पागल दिल , कर बैठा अनजाने में प्यार !
आ भी जाओ नही होता ,मुझसे अब इंतज़ार !!
जब से छोडकर गये , हो मुझको तनहा तुम !
नहीं आया तबसे इस दिल को ,चैन मेरे !!
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे !
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे !!
आज कल खोया-खोया सा रहने लगा हूँ मैं !
हर जख्म को खुशी से सहने लगा हूँ मैं !!
मेरा चेहरा अनायास ही मुस्काने लगता है !
याद आते है जब , वो तेरी बाहों के घेरे !!
जिंदगी गुजरती रही हरपल , इंतज़ार में तेरे !
ये आँखें तरसती हरपल , रही दीदार को तेरे !!
सुंदर कविता ...बधाई
ReplyDeletebahut hi sundar kavita:-)
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