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Friday 17 February 2012

तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए...



 
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तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
 
यूं तो यादे तेरी , साथ रहती है हरपल !
तब आँखें भर आती है, अक्सर मेरी !!
याद जब आता है ,तेरे साथ  गुजरा वो हसीं पल ! 
सोचता हूँ , काश : ये वक़्त अभी भी थम  जाये  !!
 
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !!
 
जब से गये हो तुम , हो गया हूँ तन्हा तन्हा !
तेरी याद ही रहती है साथ , हर घडी -हर लम्हा !!
कितना खुश रंग था , वो मेरी जिंदगी का पल !
और आज साथ नही देते मेरा , मेरे ही साये !!
 
तन्हाई में , जब जब ये लब मुस्कुराए !
खुदा की कसम , तुम बहुत याद आये !! 

4 comments:

  1. बहुत ही खूबसूरत रचना.....सराहनीय.....
    कृपया इसे भी पढ़े-
    नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)

    ReplyDelete
  2. सुन्दर कविता, भाव भरे शब्दों के साथ

    ReplyDelete
  3. बहुत ही प्यारी कविता.

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आपका अपना
पी के ''तनहा''